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अंतरयात्राएं वाया वियना
लेखकः ओमा शर्मा
प्रकाशः आधार प्रकाशन
कीमतः 150 रु.
कन्फ्यूशियस ने कहा है, ''आप जहां भी जाएं पूरे दिलो-जान के साथ जाएं." ओमा शर्मा के इन संस्मरणों के बारे में भी कुछ ऐसा ही है. एक लेखक का अपने प्रिय लेखक के देश का सफर, और उसमें हर उस जगह को देखने की चाहत, जहां उसका चहेता कलमकार रहा या उसने अपना जीवन जिया. ओमा वियना जाते हैं और वहां की धरती पर कदम रखने के साथ ही लेखक स्टीफन स्वाइग के जीवन से जुड़े तारों को जोडऩा शुरू कर देते हैं. मजेदार यह कि लेखक ने इन्हें यात्रा संस्मरण मानने से भूमिका में ही इनकार कर दिया है. वे कहते हैं, ''एक मायने में इनमें दर्ज यथार्थ बिखरी पड़ी वे कहानियां हैं, जिन्हें गल्प के त्वरण या तोरण की जरूरत नहीं."
''अंतरयात्राएं वाया वियना" में लेखक वियना की भौगोलिकता का रसास्वादन कराता है. उन्होंने वियना और इसके साहित्य तथा सांस्कृतिक धरोहर को स्वाइग की किताबों से समझा और फिर जब उन जगहों को देखा तो उन्हें लगा ही नहीं कि वे उनसे अनजान हैं. वे लिखते हैं, ''इस इमारत को देखकर पहली बार ऐसा लगा जैसे मैंने इसे अपने मन की आंखों से पहले देख रखा है! कब, कैसे? फिर याद करता हूं ''एक अनजान औरत का खत्य कहानी." यही किसी लेखक की कामयाबी है, और स्वाइग इसमें कामयाब रहे. ओमा भी कई जगह बांधने में सफल हैं. किताब को लेकर यही बात खटकती है कि इसमें वियना के अलावा जो अन्य जगहों के संस्मरण हैं, वे दिलचस्प तो हैं लेकिन किताब के फ्लो को बाधित करते हैं. ओमा को सभी संस्मरणों को एक ही जगह समेटने से बचना चाहिए था.